जिस तरह मोटापा और बढ़ा हुआ वजन बड़ी समस्या है उसी तरह कई लोगों को कम वजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। कम वजन होने की वजह से लोग तो उनका मजाक उड़ाते ही हैं, इसके अलावा वो कुपोषण के मरीज भी लगते हैं। लेकिन घबराएं नहीं कुछ घरेलू तरीके हैं जिनके जरिए चंद महीनों में ही आप वेट गेन कर लेंगे यानि आपका वजन बढ़ जाएगा। यहाँ ऐसे ही कई सुझाव दिए गए हैं जिनसे निश्चित ही आपको वजन बढ़ाने और मोटा होने के उपाय व तरीके मिल जायेंगे।
स्वस्थ शरीर के लिए संतुलित वजन का होना बहुत जरूरी होता है। अधिक बढ़े हुए वजन से कई लोग परेशान होते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कम वजन की वजह से लोगों की मजाक का विषय बन जाते हैं। कुछ लोग कुपोषण के मरीज भी लगते हैं। अगर आप अपने कम वजन को बढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए कुछ घरेलू तरीके हैं। वजन बढ़ाने के लिए वर्कआउट और अच्छी डाइट जरूरी होती है। कुछ घरेलू तरीकों और खाद्य पदार्थो के रोजाना सेवन से आप चंद महीनों में ही वजन बढ़ा सकते हैं। ये खाद्य सामग्री वजन बढ़ाने में मदद करने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं। इसके साथ ही अधिक कार्बोहाइड्रेट व कैलोरी वाली चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए। जैसे आटा, चावल, शहद, मेवे, मक्खन आदि। इन चीजों से वजन सेहतमंद तरीके से बढ़ता है। चलिए जानते हैं वजन बढ़ाने के लिए किन चीजों का करना चाहिए रोजाना सेवन।
वजन बढ़ाना और मोटा होना
हालांकि भारत में बहुत लोग या तो अधिक वजन वाले हैं या मोटापे से ग्रस्त हैं, इससे भी ज़्यादा लोग इसके विपरीत बहुत ज़्यादा पतले होने की समस्या से परेशान हैं, और मोटा होने के उपाय तलाशते रहते हैं।यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि सामान्य से कम वजन होना भी आपके स्वास्थ्य के लिए उतना ही बुरा होता है जितना मोटापा।हम जानते हैं कि वजन कम होने के कारण लोगों को अपने आसपास मजाक का पात्र बनना, अवसाद, समाज में अकेलापन आदि चीजें देखनी पड़ती हैं, इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होना, कमजोरी जैसी समस्याएं भी देखी जाती है, वजन बढ़ाने के लिए अपनी दिनचर्या और खान-पान में कुछ परिवर्तन करना जरुरी है।
वजन बढ़ाने के लिए आहार में क्या बदलें
आहार में इन छोटे छोटे परिवर्तनों से आप को वजन बढ़ाने में सफलता अवश्य मिलेगी, इनको नियमित तौर पर अपने रोज के आहार में शामिल करें-
हाई कैलोरी आहार लें – बिना चोकर के आटा, ब्रेड, चावल, आलू, शकरकंदी, फुल क्रीम मिल्क एवं उससे बने दही, पनीर, आम, चीकू, लीची, केला, खजूर, सूजी , गुड़, चिक्की, चॉकलेट, शहद, मेपल सिरप आसानी से ले सकते हैं। संतुलित आहार लें। रोटी पर घी या मक्खन लगा कर खाएं, दूध जब भी लें तो रोज सिरप या चॉकलेट या बादाम पाउडर भी डाल कर कैलोरी बढ़ा सकते है। पानी की जगह दूध, छाछ या शरबत भी ले सकते है।
दो खानों में देर न करें – घर पर बने लड्डू, मिल्कशेक (मेवों के साथ), कॉर्न सलाद, उबले चने का सलाद, पनीर सैंडविच, साबूदाने की खीर, खजूर, गुड़-चना, बादाम-किशमिश आदि का मध्य भोजन (मिड मील) में सेवन कर सकते हैं. जिससे आप अपनी ऊर्जा की मात्रा बढ़ा पाएंगे।
उच्च मात्रा में प्रोटीन – वजन कम होने के कारण मांसपेशिया कमजोर हो जाती हैं इसलिए उच्च मात्रा में प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें, इसके लिए दालें, राजमा, छोले, लोबिया, दही, अंडा, मछली, लीन मीट आदि अपने खाने में रख सकते हैं। यदि आपके भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम है तो अपने डॉक्टर से पूछ के प्रोटीन सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
उच्च गुणवत्ता वाले वसा – इनको अपने भोजन में अवश्य शामिल करे। इनसे न ही सिर्फ आपकी रोज की वसा की आवश्यकता को पूरी होगी, साथ ही ये आपको वजन बढ़ाने में भी मदद करेंगे। इनमे आप बादाम, अखरोट, पिस्ता, मूंगफली, सफ़ेद तिल, अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज, खरबूजे के बीज आदि को आप अपने सलाद, स्मूथी, फ्रूट चाट या खाने बीच में या चाय के साथ आदि तरीकों से ले सकते है, तेल के लिए आप सरसो, जैतून, सूरजमुखी, कनोला, तिल, नारियल, घर का बना सफेद मक्खन आदि अपने खाने में शामिल कर सकते हैं।
वजन बढ़ाने वाले फल एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें – फलों में आम, चीकू, लीची, केला, अंगूर, शरीफा, खजूर एवं सब्जियों में जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों जैसे आलू, अरबी, शकरकंद, गाजर , टपिओका आदि का भरपूर प्रयोग कर सकते हैं। (यदि मधुमेह हो तो कम से कम प्रयोग करें)
छोटे छोटे आहार लेने की आदत डालें – एक बार में यदि आप ज्यादा आहार लेते हैं तो उससे सेंट्रल ओबेसिटी (यानी पेट पर फैट इकठ्ठा होना) की समस्या देखी जाती है, इसके साथ ही ब्लोटिंग की भी समस्या होती है इसलिए पुरे दिन के भोजन को 5-7 भाग में बाँट लें।
रोज की आवश्यकता से अधिक ऊर्जा का सेवन करें – कोशिश करें की आप रोजाना की आवश्यकता से 300 से 500 अधिक ऊर्जा का सेवन कर पाएं जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सके। अपनी रोज की ऊर्जा की मात्रा को जानने के लिए एवं खाद्य पदार्थों की ऊर्जा को जानने के लिए आप किसी सही जानकारी वाले ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वर्कआउट के बाद प्रोटीन – एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन लेने से वजन एवं मांसपेशियां बढ़ाने में मदद मिलती है। यदि आप शाकाहारी हैं तो लो फैट पनीर ले सकते हैं, मांसाहारी हैं तो उबले अंडे या बॉयल्ड चिकेन ले सकते है। यदि प्रोटीन सप्लीमेंट लेना चाहते है तो व्हेय प्रोटीन ले सकते हैं। किन्तु कोई भी सप्लीमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर से अपनी स्वास्थ्य की स्थिति के विषय में जरूर विमर्श कर लें।
वजन बढ़ाने की ज़रुरत है या नहीं
कम वजन वाले लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 18.5 से कम होता है। कम बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों को अंडरवेट कहा जाता है और उन्हें वजन बढ़ाने की सलाह दी जाती है। इसके विपरीत, 25 से अधिक बीएमआई वाले लोगों को अधिक वज़न (Overweight) की श्रेणी में और 30 से अधिक बीएमआई वाले लोगों को मोटापे से ग्रस्त माना जाता है। हालांकि, ध्यान रखें कि बीएमआई स्केल के साथ कई समस्याएं भी होती हैं, जो केवल वजन और ऊँचाई पर आधारित होती हैं। यह मांसपेशियों से सम्बंधित नहीं होता है। कुछ लोग स्वाभाविक रूप से बहुत पतले होते हैं लेकिन फिर भी स्वस्थ होते हैं। इस पैमाने के अनुसार वजन कम होने का मतलब यह नहीं है कि आपको स्वास्थ्य समस्या है।
वजन सामान्य से कम होने के चिकित्सीय कारण
कई चिकित्सकीय स्थितियां हैं जो अस्वास्थ्यकर वजन घटाने का कारण होती हैं। उनमें से कुछ निम्न हैं:
आहार-संबंधी विकार – इसमें एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia nervosa) की स्थिति हो सकती है, जो गंभीर मानसिक बीमारी है। इसमें व्यक्ति की अपने शरीर, भोजन और खाने की आदतों के बारे में सोचने समझने की क्षमता बदल जाती है एवं बहुत ही कम मात्रा में खाद्य पदार्थों को ग्रहण कर पाता है।
थायराइड संबंधी समस्याएं – हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की अधिक मात्रा) होने से चयापचय को बढ़ावा मिलता है जिससे वजन बढ़ने में काफी परेशानी होती है या व्यक्ति अंडरवेट की स्थिति में आ जाता है।
सीलिएक रोग – सीलिएक रोग में ग्लूटन (गेहूँ में पायी जाने वाली प्रोटीन) खाने से छोटी आंतों को नुकसान होता है। इस बीमारी से ग्रस्त अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि उन्हें ये बीमारी है।
डायबिटीज – अनियंत्रित डायबिटीज (मुख्य रूप से टाइप 1) से भी वजन कम हो जाता है।
कैंसर – कैंसर का ट्यूमर अक्सर बड़ी मात्रा में कैलोरी बर्न करते हैं और इसके कारण बहुत अधिक वजन कम हो जाता है।
संक्रमण – कुछ संक्रमण बहुत अधिक वजन कम कर सकते हैं। इनमें परजीवी, टीबी और एचआईवी-एड्स संक्रमण प्रमुख हैं।
यदि आपने हाल ही में बिना कोशिश किये काफी वजन कम किया है तो आपको उपर्युक्त स्थितियां गौर करने योग्य हैं। इस स्थिति में जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलें एवं अपने सम्पूर्ण शरीर की जाँच कराएं।
वजन बढ़ाने के लिए दिनचर्या में क्या बदलाव करें
अगर आप ये सोच रहे कि खाने पीने के अलावा वजन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए, तो ये टिप्स आपके लिए हैं –
एक्सरसाइज करें, मांसपेशियां बढ़ाएं- शरीर के लिए उपयुक्त व्यायाम से आपको मासपेशियां बनाने में मदद मिलती है अतः फ़िज़ियोथेरेपिस्ट या किसी सर्टिफाइड ट्रेनर से मिल कर आप अपने लिए एक्सरसाइज चार्ट बनवा सकते है आपकी एक्सरसाइज में कार्डिओ, वेट ट्रेंनिंग एवं स्ट्रेचिंग तीनों शामिल हो, जिससे आपके शरीर के मांसपेशियों को बढ़ाने में, मजबूती देने में एवं शरीर की टोनिंग में मदद मिलती है, अगर आप ये एक्सरसाइज नहीं कर सकते तो थोड़ी देर के लिए टहल लें इससे आपको एक्स्ट्रा ऊर्जा के लिए खाये गए भोजन को पचाने में मदद मिलेगी साथ ही ब्लोटिंग से भी राहत मिलेगी। इसके साथ ही व्यायाम से शरीर में हैप्पी हार्मोन्स यानी खुश रखने वाले हार्मोन्स बनते हैं जिससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
योग – योग कई समस्याओं का इलाज करता है जैसे तनाव, खराब मेटाबोलिज्म और स्टामिना की कमी आदि। ये आपके वजन को बढ़ाने में भी बेहद फायदेमंद है। कई योगासन को करने से आपकी भूख बढ़ती है जैसे सर्वांगासन और पवनमुक्तासन। ये आपके पेट से संबंधित समस्याओं को ठीक करते हैं और भूख को बढ़ाते हैं।
पर्याप्त नींद – नींद को लोग वजन बढ़ने से जोड़कर नहीं देखते और अगर ऐसा कहा भी जाए कि पर्याप्त नींद लेने से वजन बढ़ता है तो वो इसे मजाक ही समझेंगे, जबकि यह सच है। जब लोग पर्याप्त नींद लेंगे यानि कम से कम 8 घंटे सोएंगे तो उनके शरीर को आराम मिलेगा और जब आराम मिलेगा तो वो जो भी खाएंगे वो उनके शरीर पर असर जरूर दिखाएगा।
यदि मालबसोर्पशन यानि अवशोषण में कमी हो तो उसका इलाज करें – इसका अर्थ है जरूरत के अनुसार भोजन ग्रहण करने के बाद भी वजन न बढ़ना, अकसर हम सुनते है “खाना शरीर में नहीं लग रहा”, इस परिस्थिति में वजन कम होने के साथ ही कुछ पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जैसे- विटामिन-बी 12, विटामिन- डी, फोलेट, आयरन आदि। इनका ब्लड टेस्ट करायें, यदि इनकी कमी हो तो डॉक्टर से विचार विमर्श कर के सप्लीमेंट शुरू करें, जिससे मालबसोर्पशन में सुधार लाया जा सकता है।
वजन कम करने वाली बीमारियां हों तो उसका इलाज कराएं – टीबी, ह्यपरथीरोइडिस्म, सीओपीडी, इंफ्लामेटरी बाउल डिजीज, एडिसन’स डिजीज, कैंसर, मधुमेह, अवसाद, एड्स आदि जैसी बीमारियों में भी वजन कम होने की समस्या देखी जाती है, यदि आप इनमे से किसी भी समस्या से ग्रस्त हो तो उसका इलाज जल्दी से जल्दी कराये या बीमारी को नियंत्रण में करें, जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही डॉक्टर के द्वारा दी हुई दवाओं को नियमित तौर पर एवं सही समय पर खाएं।
वजन का रिकॉर्ड – अपने वजन को नियमित रूप से चेक करें एवं रिकॉर्ड के लिए डायरी या ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने में मोटिवेशन मिलेगी।
इस प्रक्रिया को वक़्त दें – एक स्वस्थ वजन बढ़ाना या घटाना, समय लेने वाली प्रक्रिया है, अतः धैर्य के साथ अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ें, हताश न हों।
वजन बढ़ाना हो तो ये आदतें बदलें
इन आदतों से परहेज करने से भी वजन बढ़ाने और मोटा होने में मदद मिलेगी –
भोजन से पहले पानी या कोई भी ड्रिंक लेने से बचें – इस आदत से आपका पेट पहले ही भर जाएगा जिससे आप पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा नहीं ले पाएंगे।
जंक फ़ूड को ना कहें – जंक फ़ूड के सेवन से आप का वजन जरूर बढ़ जाएगा किन्तु वजन के साथ साथ अन्य स्वास्थ्य सम्बंधित जरूर हो जाती है जैसे कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हृदय सम्बन्धित समस्या, ब्लड प्रेशर बढ़ना आदि।
सप्लीमेंट्स – बाजार में बहुत सारे सप्लीमेंट वजन बढ़ाने के दावे के साथ मिलते हैं, लेकिन इनमे कुछ सप्लीमेंट हमारे लिवर एवं किडनी को बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचाते हैं। अतः कोई भी मेडिसिन या सप्लीमेंट शुरू से पहले डॉक्टर से अपने स्वास्थ्य की परिस्थिति के विषय में बात कर लें, तभी शुरू करें।
ईटिंग डिसऑर्डर्स से बचें – ईटिंग डिसऑर्डर आज के समय में कुपोषण के मुख्य कारणों में से एक है, इनमे एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा या बिंज ईटिंग- इस डिसऑर्डर में या तो भोजन छोड़ देते हैं या एक ही बार में बहुत सारा खाने की आदत देखी गयी है। इस कारण शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती एवं कुपोषण की स्थिति आ जाती है, जिससे वजन के कम होने या ज्यादा होने की स्थिति देखी गयी है।
खाते समय गैजेट्स से दूर रहें – आज कल गैजेट्स हमारे दिनचर्या के हर कार्य में शामिल हो गयें है, कोशिश करिये के भोजन करते समय अपने मोबाइल, टेबलेट, लैपटॉप को दूर रख कर या बंद कर कर खाना खाएं, गैजेट्स के साथ खाना खाते समय भोजन की मात्रा पर ध्यान नहीं दे पाते जिससे ओवरईटिंग के आसार काफी बढ़ जाते है जिससे पाचन तंत्र सम्बन्धित विकार एवं ब्लोटिंग की समस्या पैदा होती हैं।
धूम्रपान (स्मोकिंग) को कहे ना – धूम्रपान भूख को दबाने का काम करता है और आपके मेटाबोलिज्म को भी थोड़ा बढ़ा देता है। जब आप धूम्रपान छोड़ते हैं, तो आपकी भूख और मेटाबोलिज्म वापस सामान्य हो जाता है, जिससे आपको अधिक भूख लगती है साथ ही शरीर को कम कैलोरी खर्च करनी पड़ती है। इसके अलावा, धूम्रपान छोड़ने के बाद भोजन को सूंघने और स्वाद लेने की आपकी क्षमता में सुधार होता है। आप भोजन को अधिक आकर्षक एवं स्वादिष्ट बना कर ऊर्जा की मात्रा बढ़ा सकते है जो के वजन को बढ़ाने में लाभप्रद साबित होगा।
ध्यान दें – वजन बढ़ाना कोई आसान काम नहीं है और ना ही इसका कोई फिक्स तरीका है। कुछ लोगों में मोटापा या कम वजन जेनेटिक होता है, इसलिए अगर इन तरीकों के जरिए भी वजन नहीं बढ़ रहा है तो जबरदस्ती ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें। इतना जरूर है कि ऊपर बताए उपायों को अगर नियमित रूप से किया जाएगा तो यकीनन फायदा होगा।
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।