शरीर के हावभाव हमारे व्यक्तित्व का आइना होते हैं। हमारे ड्रेस सेंस से लेकर खाने-पीने, उठने-बैठने, चलने से तरीकों से लोग हमारे बारे में काफी कुछ समझ सकते हैं। हमारे शरीर के हाव-भाव हम ऐसे रखें कि हमारी व्यक्तित्व तो निखरे ही साथ हमारी प्रोफेशन लाइफ में भी इसका फायदा हमें मिले। जब हम किसी से बातचीत करते हैं तो अनजाने में कई ऐसी गलतियां कर देते हैं जो बॉडी लैंग्वेज एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारे इम्प्रेशन को खराब कर सकती हैं. आइए जानते हैं ऐसी कौन सी आदते हैं जो हमें बदलने की जरूरत है।
जब हम किसी से बातचीत करते हैं या पहली बार मिलते हैं तो हमारी कोशिश होती है कि सामने वाले पर अच्छा इम्प्रेशन डालें. कोई भी व्यक्ति जानबूझकर अपना इम्प्रेशन खराब नहीं करना चाहता. फिर भी कई बार अनजाने में हम कई ऐसी गलती कर जाते हैं जो हमारा इम्प्रेशन खराब कर सकती हैं. कई बार ये गलतियां हमारे बातचीत के तरीके में होती हैं तो कई बार हमारी बॉडी लैंग्वेज इसके लिए जिम्मेदार होती है. आइए जानते हैं किसी से बातचीत के दौरान हमें कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या होती है बॉडी लैंग्वेज
बॉडी लैंग्वेज को हम एक ऐसी कला कह सकते है जिसका सीधा सम्बन्ध हमारी सफलता से होता है। या फिर यूँ कहे कि अगर हमारे पास एक अच्छी बॉडी लैंग्वेज नहीं है तो यह हमारी असफलता का कारण भी हो सकता है। अपनी बॉडी को सही स्थिति में रखना हमारी सेहत पर भी असर करता है और इसका प्रभाव हमारी निजी और कामकाजी ज़िंदगी दोनों पर पड़ता है। तो जरूरी है कि हम इस असफलता को अपनी जिंदगी से दूर करें और एक अच्छी बॉडी लैंग्वेज और अच्छे व्यवहार के साथ सबको अपनी और प्रभावित करें।
गलत तरीके से बैठना : आपको हमेशा ऊर्जावान और खुशमिजाजी दिखना चाहिए, चाहें आपकी जिंदगी में हजारों परेशानियां ही क्यों न हों. जब आप किसी के सामने कमर ढीली करके, आगे की ओर झुककर बात करते हैं, तो इससे आपका प्रभाव उस व्यक्ति पर बुरा पड़ता है. इसलिए हमेशा आपको सही बॉडी पोश्चर के साथ बैठना चाहिए, जैसे- कमर को सीधी रखकर, कंधे उंचे रखकर और सिर सामने की तरफ करके. ऐसे आप ज्यादा कॉन्फिडेंट और लंबे दिखते हैं।
बातचीत के दौरान फोन में देखने की आदत: आजकल ये आदत आपको ज्यादातर लोगों में देखने को मिल जाएगी. हम किसी के साथ बातचीत के समय में भी ज्यादा से ज्यादा टाइम फोन की स्क्रीन को दे रहे होते हैं. आपको ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि अगर कोई आपसे बातचीत करता है और आप फोन में देखते रहते हैं तो सामने वाला आपसे खुलकर बातचीत नहीं कर पाता. उसे अपनी बात रखने में समस्या होती है।
एक पैर से दूसरे पैर पर वजन डालना: क्या आप भी बातचीत के दौरान एक पैर से दूसरे पैर पर वजन डालते रहते हैं? अगर हां, तो तुरंत इस आदत को बदल दें. बॉडी लैंग्वेज एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा करने से आप सामने वाले पर ये प्रभाव डाल रहे होते हैं कि आपको बातचीत में दिलचस्पी नहीं है और आप उस बातचीत से भागने को आतुर हैं।
पैर क्रॉस करके बैठने की आदत : वैसे तो पैर क्रॉस करके बैठने की आदत बहुत से लोगों को होती है. लेकिन आपको अपने पैर क्रॉस करके बैठने से बचना चाहिए क्योंकि यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आप सामने वाले की बातों में कम इंटेरेस्ट ले रहे हैं. आपको हमेशा पैर खुले रखकर और सामने वालों की आंखों में देखते हुए बात करनी चाहिए. इसके अलावा अपने चेहरे पर हर वक्त एक हल्की सी मुस्कान बनाएं रखें, जिससे मजाक की बात को हंसी में भी बदला जा सके।
अपनी चिन पर हाथ रखकर बैठना : लंबी बातचीत के दौरान कुछ लोगों की आदत होती है कि वो अपनी चिन या ठोड़ी पर हाथ रखकर कोहनियों को टेबल के ऊपर रखकर बैठ जाते हैं. ये एक बहुत ही खराब आदत होती है, ऐसा करने से सामने वाले को लगता है कि आप उनकी बातों को बेमतलब समझ रहे हैं और उनका कॉन्फिडेंस कम करना चाहते हैं. इसलिए आप हमेशा फ्री होकर बैठें और अपने हाथों को टेबल से सामने रखकर बात करें. इनका इस्तेमाल आप बातचीत के दौरान अपनी बातें समझाने के लिए भी कर सकते हैं।
पॉइंट आउट करके बात करना : अक्सर उंगली दिखाकर बात करने की आदत बेहद खराब मानी जाती है. कई बार लोग अंजाने में ही सही लेकिन सामने वाले को उंगली दिखाकर या पॉइंट आउट करके बात करने लगते हैं. ये एक नेगेटिविटी का संकेतक होता है, जो सामने वाले को यह संदेश देता है कि आप उस पर हावी होना चाहते हैं और आपका स्वभाव बहुत आक्रामक है. इसलिए बात करते वक्त आप हमेशा पूरी हथेलियों का इस्तेमाल करें न कि सिर्फ उंगलियों का।
बहुत ज्यादा बात करना : आप जब भी किसी से मिलने जाते हैं अगर वहां पर दो लोग बैठे हो और आप बहुत ज्यादा बातें करेंगे तो शायद सामने वाला अपनी बातें आपके सामने नहीं कर पाएगा. इसलिए किसी से भी मिलने पर बहुत ज्यादा बातें करने से बचें।
बार-बार अपने हाथ मूव करना : एक्सपर्ट के अनुसार आपकी बॉडी लैंग्वेज सामने वाले व्यक्ति को आपकी पर्सनालिटी के बारे में बहुत कुछ बता देती है. अगर आप बार-बार अपने हाथ मूव कर रहे हैं या फिर अपने एक पैर का वजन दूसरे पैर पर डाल रहे हैं, तो सामने वाले व्यक्ति को ये लगेगा की आप उसकी बातों से बोर हो गए हैं और उठकर जाना चाहते हैं।
नजरें चुराना : किसी से भी बातचीत करने के दौरान हमारी आंखों का रोल काफी अहम होता है. अगर आप किसी से नजरें मिलाकर बात करते हैं तो उसमें कॉन्फिडेंस नजर आता है. लेकिन अगर आप किसी से आंखें चुराकर बात करेंगे तो सामने वाला आपके साथ बातचीत में सहज नहीं हो पाएगा।
बेवजह मुस्कुराना : किसी से भी बात करने के दौरान आपके चेहरे पर मुसकान का होना जरूरी होता है .लेकिन बिना किसा बात के अगर आप सारा टाइम मुस्कुराते रहेंगे तो सामने वाले को लगेगा की आप दिखावा कर रहें हैं. उसकी बातें आपको बिल्कुल भी नहीं पसंद आ रही. इसलिए किसी से भी बात करने के दौरान ऐसा करने से बचें।
कैसे सुधारे बॉडी लैंग्वेज को
यदि आप अपनी बॉडी लैंग्वेज को सुधारना चाहते है तो आपको नीचे दिए गए कुछ टिप्स अपनाने है। दोस्तों, यहां दिए गए टिप्स आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज को और बेहतर बनाने में मदद करेंगे और आप दूसरों की नजरों में एक अच्छी छवि भी बना पाएंगे। आइए आपको बहुत सरल भाषा में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते है जो आपको आपके जीवन के हर क्षेत्र में बहुत उपयोगी सिद्ध (होंगी और इससे आप अपनी बॉडी लैंग्वेज भी आसानी से सुधार सकेंगे। बॉडी लैंग्वेज को सुधारने के लिए बस कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है। कौन सी बातों का रखना है ध्यान….
आई कॉन्टेक्ट : दोस्तों किसी को देखने का हमारा अंदाज़ अपने आप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आँखों के जरिए हमारे आत्मविश्वास की जानकारी मिलती है। किसी से बाते करते समय हमें अपनी आँखों को सामने वाले से चुराना नहीं चाहिए, नहीं तो सामने वाले को लगेगा कि आप उसकी बातो में रुचि नहीं रखते हैं। देखते समय आपको यह भी ध्यान रखना है कि सामने वाले को यह महसूस ना हो की आप उसे घूर रहे हैं। आपको ऐसे दिखाना है कि आप उसकी बातों में बहुत गहनता से रुचि ले रहे हैं।
विनम्रता के साथ मिलना : जब भी आप किसी से मिले तो अपने चेहरे पर एक विनम्र भाव अवश्य रखें। आपको सबसे पहले मिलने वाले इंसान के साथ विनम्रता से हाथ मिलाना है और बड़ी शालीनता के साथ उनका कुशल मंगल पूछना है फिर आगे अपनी बात को बढ़ाना है। इससे आप अपनी बात को एक अच्छी शुरुआत दे सकते है और यह एक अच्छी बॉडी लैंग्वेज को भी दर्शाता है।
दूरी बनाए रखें : जब भी हम किसी इंसान से मिलते हैं तब हम इस बात का खास ख्याल रखना है कि उससे बातें करते समय उचित दूरी बनाए रखें। अगर उसके बिल्कुल पास खड़े होकर हम उससे बाते करेंगे तो हो सकता है वह असहज महसूस करें और खुलकर बातें ना कर सके या फिर चिड़ जाए और बातें ही ना कर पाए।
झुकना नहीं चाहिए : आजकल ज्यादातर इंसान कंप्यूटर पर काम करता है जिसके कारण उससे झुककर काम करने की आदत पड़ गई है। किसी से भी बातें करते समय हमें खास ध्यान रखना है कि झुकना नहीं है और ना ही अपने हाथों पैरों को हिलाते हुए बातें करनी है। ऐसा करने से आपके प्रति उस व्यक्ति का नकारात्मक दृष्टिकोण बन सकता है।
स्माइली फेस : दोस्तों मुस्कुराता हुआ और खिलखिलाता हुआ चेहरा किसे पसंद नहीं है। जब भी आप किसी से मिलने जाते हैं तो अपने चेहरे पर एक हल्की मुस्कान रखें। किसी भी प्रकार का स्ट्रेस आपके चेहरे पर नजर नहीं आना चाहिए। जब भी कोई इंसान आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखेगा तो वह आपसे बातें करें बिना रह नहीं सकता और बिना किसी हिचक और परेशानी के सहजता के साथ आपसे बातें करेगा।
सकारात्मक रहना सीखें : जब भी आप किसी से मिलने जाएं तो अपने व्यवहार को सकारात्मक रखें। अगर आप अपने साथ नकारात्मकता को लेकर जाएंगे तो कोई इंसान आपसे प्रभावित नहीं हो सकता। अतः आपको प्रयास करना चाहिए जब भी आप किसी से मिले तो एक सकारात्मक उर्जा के साथ मिले, ताकि सामने वाला आपके सकारात्मक विचारों से प्रभावित हुए बिना न रह सके।
कुछ और बातों का भी रखें विशेष ख्याल
दोस्तों इसके अलावा भी हम छोटी-छोटी बातें आपको बताते हैं जिनका ध्यान रखकर आप अपनी बॉडी लैंग्वेज को बहुत ही प्रभावी बना सकते हैं, जैसे कि:
* जब भी आप किसी इंसान से मिले तो अपने हाथों को बार-बार रगड़े नहीं।
* बार-बार अपने बालों को ठीक मत करें।
* अगर आप किसी के सामने अपने विचार रख रहे हैं तो पूरे आत्मविश्वास के साथ रखें।
* किसी भी प्रकार की हिचक झिझक अपनी बातों में प्रकट न होने दें।
* सबसे बड़ी बात, अपनी बात कहते हुए एक हल्की सी मुस्कान सदैव अपने चेहरे पर बनाए रखें।
* अपने कंधों को सदैव सीधा रखें। जब भी आप किसी से मिले तो ना ज्यादा तन कर बैठे ना ही ज्यादा झुक कर, यह आपको दूसरों के सामने असुरक्षित प्रदर्शित कर सकता है।
इस प्रकार कुछ छोटी मगर मोटी बातों को ध्यान में रखकर हम अपने व्यवहार को और अपनी बॉडी लैंग्वेज को इतना प्रभावी बना सकते हैं कि हमसे मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। यह सच कहा जाता है कि हमारी बॉडी लैंग्वेज का प्रभाव हमारी निजी और कामकाजी ज़िंदगी दोनों पर पड़ता है। अतः हमें अपनी बॉडी लैंग्वेज को इस प्रकार का बनाना है कि जब भी कोई हमसे मिले तो हमें परिपूर्ण कहें।