श्रीलंका में संकट गहराया : राष्ट्रपति गोटबाया प्रेसिडेंट हाउस छोड़कर भागे, झड़प में 100 से ज्यादा घायल

श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को यहां पुलिस बैरिकेडिंग को हटाकर उनके आधिकारिक आवास में घुस गए. खबरों के मुताबिक, पुलिस ने शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति आवास में घुसने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और उन पर पानी की बौछारें की तथा गोलियां भी चलाईं. हालांकि, प्रदर्शनकारी अवरोधकों को हटाकर राष्ट्रपति आवास में घुस गए और जमकर बवाल किया।
कोलंबो। 9 जुलाई 2022 (सीजी संदेश) : श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को यहां अवरोधकों को हटाकर उनके आधिकारिक आवास में घुस गए. खबर के मुताबिक, पुलिस ने शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति आवास में घुसने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और उन पर पानी की बौछारें की व गोलियां भी चलायी. हालांकि, प्रदर्शनकारी अवरोधकों को हटाकर राष्ट्रपति आवास में घुस गए।
गोटबाया अपने आधिकारिक आवास से भाग गए हैं
राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. वह अप्रैल में प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया ने कोलंबो में प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही परिसर खाली कर दिया था. इस बीच, प्रदर्शनों के दौरान 2 पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 100 लोग घायल हो गए और उन्हें कोलंबो के नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्थिति पर चर्चा करने और त्वरित समाधान के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. वह स्पीकर से संसद सत्र बुलाने का भी अनुरोध कर रहे हैं. श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने कोलंबो में हालिया विरोध प्रदर्शन पर एएनआई से कहा, ‘मैं विरोध का हिस्सा हूं और लोगों की मांग के साथ खड़ा हूं। यह विरोध तीन महीने से अधिक समय से चल रहा है।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां
विवादों में घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे शनिवार को राजधानी में स्थिति अपने आधिकारिक आवास से भाग गए. एक शीर्ष रक्षा सूत्र ने को इस बात की जानकारी दी. इससे पहले कि टेलीविजन फुटेज में देखा गया कि प्रदर्शनकारियों ने नेता के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके आवास पर धावा बोल दिया था. ऐसे में खुद को खतरे में देख वो मौके पर से भाग निकले।
* सूत्र ने कहा, “राष्ट्रपति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.” उन्होंने कहा कि गुस्साई भीड़ को राष्ट्रपति भवन पर हावी होने से रोकने के लिए सैनिकों ने हवा में गोलियां चलाईं।
* प्रदर्शनकारियों ने आवास में जमकर बवाल काटा. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में दो पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए. हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को अवरुद्ध करने वाले पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिया, जहां मार्च के अंत से राजपक्षे को रखा गया है, जब देश-व्यापी विरोध प्रदर्शनों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी।
* प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. हालांकि, इन सब के बावजूद कुछ प्रदर्शनकारी आवास में घुस गए और राष्ट्रपति के स्विमिंग पूल में तैरने लगे।
* इधर, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश की स्थिति के समाधान पर चर्चा करने के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. वह यह भी अनुरोध कर रहे हैं कि अध्यक्ष संसद को बुलाएं।
* श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया था. यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था।
* पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं. यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था।
* पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सी डी विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, ‘‘जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहां रहने वाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी”।
* श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने पुलिस कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
* बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘इस तरह का कर्फ्यू स्पष्ट रूप से अवैध है और हमारे देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है जो अपने मूल अधिकारों की रक्षा करने में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार की विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.” श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने भी पुलिस कर्फ्यू को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया था।