यदि आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो जल्दी कर दीजिए। क्योंकि असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त 2019 है। यदि आप इस तारीख से पहले रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो आपको 5 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। यह ITR पर्सनल इनकम टैक्स, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली और ऐसे टैक्सपेयर्स जिनके अकाउंट का ऑडिट नहीं होता है, उनको दाखिल करना होता है। अभय शर्मा, पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट शाखा बता रहे है ITR फाइल न करने के नुकसान…
ITR से जुड़ी खास बातें
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जुर्माने से बचने के लिए सही समय पर भरें रिटर्न
RO No. 12276/54आयकर विभाग के अनुसार, सभी करदाताओं को 31 जुलाई 2019 तक अपना ITR जमा करना जरूरी है। यदि कोई करदाता अंतिम तारीख तक ITR दाखिल नहीं करता है तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा।
– आयकर विभाग के अऩुसार, 31 जुलाई 2019 के बाद 31 दिसंबर 2019 तक ITR दाखिल करने वालों को 5000 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
– यदि किसी करदाता की 31 दिसंबर 2019 की तारीख भी चूक जाती है तो 31 मार्च 2020 तक ITR दाखिल करने पर उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना दाखिल करना होगा।
– यदि आप 31 मार्च 2020 तक भी ITR दाखिल नहीं कर पाते हैं तो आयकर विभाग आपको नोटिस जारी कर सकता है।
– ऐसे करदाता जिनकी आय 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है उनको लेट फीस के रूप में मात्र 1 हजार रुपए ही देने होंगे।
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इनकम टैक्स कानून में शामिल हुआ सेक्शन 234F
– निर्धारित समय-सीमा के बाद रिटर्न फाइल करने पर जुर्माने का प्रावधान बजट 2017 में किया गया था। यह नियम कर निर्धारण वर्ष 2018-19 से लागू हो गया है। यानि वित्त वर्ष 2018-19 (कर निर्धारण वर्ष 2019-20) जिसकी लास्ट डेट 31 जुलाई 2019 है पर जुर्माने का नियम प्रभावी है I
– वित्त वर्ष (निर्धारण वर्ष 2018-19) 2017-18 का ITR फाइल करते वक्त से ही यह नियम लागू हो गया है।
– उससे पहले संबंधित कर निर्धारण वर्ष की समाप्त होने के बाद एसेसिंग ऑफिसर के पास यह विकल्प होता था कि जुर्माना लगाना है कि नहीं।
– अब इनकम टैक्स कानून में सेक्शन 234F डाल दिया गया है जिसके तहत लेट फाइलिंग पर कम्पल्सरी जुर्माना तय कर दिया गया है।
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समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने के नुकसान:
यदि किसी करदाता द्वारा समय यानि ड्यू डेट के पहले पहले रिटर्न दाखिल नहीं किया जाता है तो
(१) उसे शेष टैक्स राशि पर धारा 234-C के तहत ब्याज भरना होगा।
(२) अनएब्सोर्बड लॉस आगे के वर्षों में सेट ऑफ नहीं हो सकेगा।
(३) रिटर्न रिवाइस्ड नहीं हो सकेगा।
(४) धारा 234-F के अंतर्गत उसे पेनाल्टी देना होगी।
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किसके लिए जरूरी है रिटर्न भरना
– 60 साल तक के वे लोग जिनकी सालाना सैलरी या दूसरे सोर्स से इनकम 2.50 लाख रुपए से ज्यादा है उसे इनकम टैक्स भरना जरूरी है।
– जिनकी उम्र 60 साल से 80 साल के बीच है और आमदनी 3 लाख रुपए तक है तो उन्हें कोई टैक्स नहीं देना। इसी प्रकार 80 साल से ज्यादा उम्र के सुपर सीनियर सिटिजन के लिए 5 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स-फ्री है।
– जिनकी आमदनी 2.50 लाख रुपए से कम है ऐसे लोग ITR फाइल कर सकते हैं। यहां ध्यान दें कि ITR फाइल करना और टैक्स भरना दो अलग-अलग चीजे हैं। ITR कोई भी फाइल कर सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि इनकम टैक्स की देनदारी सभी की हो।