भिलाई। 13 सितम्बर ,2023, (सीजी संदेश) : मानव आश्रम सेक्टर-1 में साहित्य मनीषी डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र की 125 वीं जयंती का आयोजन किया गया। परम्परागत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर डॉ. मिश्र को पुष्पांजलि अर्पित की गई। शिवशंकर पटनायक को इस अवसर पर कान्यकुब्ज सामाजिक सामाजिक चेतना मंच की ओर से ‘सांकेत संत सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में पिथौरा के वरिष्ठ साहित्यकार शिवशंकर पटनायक ने छत्तीसगढ़ में किसी विश्वविद्यालय का नाम डा. बलदेव प्रसाद मिश्र के नाम पर करने की पुरजोर मांग की। ज्ञात हो कि शिवशंकर पटनायक की साहित्यिक कृतियों पर शोध कर कई लोगों ने पीएचडी की है । इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर से आए साहित्यकार डॉ. देवधर महंत ने अपने ओजपूर्ण वक्तव्य में डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। भिलाई के डॉ. अम्बरीष त्रिपाठी ने भी डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र के साहित्यिक अवदान के संकलन पर जोर देते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को ऐसे उच्च कोटि के साहित्यकार को पढ़ना और जानना आवश्यक है। कान्यकुब्ज सामाजिक चेतना मंच भिलाई-दुर्ग के मार्गदर्शक पं. बी एम के बाजपेई ने जानकारी दी कि शायद आज अटल विश्वविद्यालय में डा. मिश्र की साहित्यिक कृतियों पर शोधपीठ की स्थापना हो जाएगी। इस अवसर पर दुर्ग विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. एन पी दीक्षित, सरजूपारी समाज के अध्यक्ष पंडित प्रभूनाथ मिश्र, कान्यकुब्ज सामाजिक चेतना मंच के पूर्व अध्यक्ष आशीष मिश्रा, वरिष्ठ नागरिक मंच के अध्यक्ष के डी राय एवं बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।
स्वागत भाषण मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित संतोष दीक्षित दिया और कार्यक्रम का संचालन अतुल अवस्थी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मंच के महासचिव पंडित रवीन्द्र मिश्रा जी ने किया। इस अवसर पर कान्यकुब्ज चेतना मंच, भिलाई के सदस्य, डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र के परिवार के सदस्य और भारी संख्या में साहित्य प्रेमी एवं मिश्र जी के साहित्य में रुचि रखने वाले सदस्य उपस्थित थे।