रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून द्रोणिका और चक्रवात की सक्रियता ने मानसून को पुनर्जीवित कर दिया है। मौसम विज्ञानी एचपी एचपी चंद्रा के अनुसार अगस्त में मानसून काफी कमजोर पड़ गया था। मानसून द्रोणिका की ऊंचाई काफी कम हो गई थी, हवा की रफ्तार भी कम थी। मानसून ब्रेक की स्थिति कई बार बनी थी। मगर अभी जो सिस्टम बने हैं, उन्होंने पूरे मानसून सिस्टम को ही बदलकर रख दिया है। विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी दो दिनों में प्रदेश में हल्की, मध्यम से लेकर कहीं-कहीं अतिभारी बारिश हो सकती है। रायपुर से लेकर बस्तर संभाग, दुर्ग और राजनांदगांव में अच्छी बारिश हुई।
रायपुर में शनिवार की सुबह से घने काले बादल छाए रहे, जो देर रात तक बरसते रहे। सुबह और शाम को आधे-आधे घंटे झमाझम बारिश ने रायपुर को औसत से कम बारिश वाले जिले की सूची से निकालकर सामान्य बारिश वाले जिलों में शामिल कर दिया। माना में 102.8 मिमी बारिश हुई, वहीं रायपुर में 86.2 मिमी।
धान के लिए अनुकूल हैं परिस्थितियां- कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो मौजूदा बारिश धान की फसल के लिए अनुकूल है। तेज बारिश से फसल में लगे कीड़े मर जाते हैं, बह जाते हैं। बारिश पोषण का काम करती है। हां, यह उड़द और सोयाबीन की फसल के लिए कुछ नुकसानदायक हो सकती है।
पूर्वानुमान – उत्तरी ओडिशा और आसपास कम दाब का क्षेत्र बना है, जो चक्रवाती घेरे के साथ माध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई तक फैला है। यही दक्षिण की ओर झुका हुआ है। मानसून द्रोणिका दक्षिण पूर्व की ओर से होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी से होकर गुजर रही है, जो माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक फैली है।
अगले 24 घंटे के लिए
इन जिलों में यलो अलर्ट- कोरिया, मुंगेली, कोरबा, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद।
ऑरेंज अलर्ट – रायगढ़, जशपुर, जांजगीर, रायपुर, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कबीरधाम, राजनांदगांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर में एक दो स्थान पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।