
भिलाई। भिलाई नगर के दोनों मुक्तिधाम में लकड़ी की व्यवस्थाएं न होने के कारण शव दाह संस्कार करने में परिजनों को हो रही है परेशानी। जनजागृति संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सुमन शील ने रामनगर व छावनी मुक्तिधाम में जाकर जलाऊ लकड़ी की व्यवस्थाओं को देखा। हुडको निवासी श्रीमती आशालता के अंतोष्टी के समय रामनगर मुक्तिधाम में आए बंग समाज के मानस सरकार , विकास शर्मा , नरेश शील आदि ने लकड़ी की व्यवस्था न होने तथा बारिश के दिनो में लकड़ी की जगह दिए जा रहे कंडे गीले होने के कारण हमें महंगे दामों पर बाहर से लकड़ी खरीदने की बात बताई। वही शिशिर मजुमदार , नरेन्द्र , भूषण आदि संस्था के लोगो ने अवगत कराते हुए कहा कि कई बार तो ऐसी स्थिति निर्मित हो जाती है कि निर्धन वर्ग के लोगों के पास लकड़ी खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं जिससे मजबूरी में वहां पड़ी बची-खुची लकड़ी और बांस पर ही दाह संस्कार करके चले जाते हैं। मुक्तिधामों पर निगम द्वारा रखे गए कर्मचारियों से जलाऊ लकड़ी की व्यवस्था करने के संबंध में सुमन शील को जानकारी दी कि लकङ़ी की व्यवस्था करवाने की मांग की गई है। कई बार उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है। वर्तमान स्थिति में पर हमें नई ठेका के उपरांत लकड़ी मिलने की बातें कही गई। नगर में दो मुक्तिधाम रामनगर व छावनी आवास कालोनी में स्थित है जहां पर कि मृतक के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कोई भी व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनो में लकड़ी की जगह दिए जा रहे कंडे गीले होने को लेकर मृतक के परिजनों को परेशानियों का सामना करते हुए देखा गया तो वही महंगे दामों पर बाहर से लकड़ी खरीदना पड़ रहा है। मृतक के अंतिम संस्कार के लिए सहज रूप में लकड़ी की उपलब्धता करना सरकार की जिम्मेदारी है। गौरतलब हो कि रामनगर सुपेला मुक्तिधाम में एक रुपए के दर पर गरीब परिवारों को लकड़ी व कंडा की व्यवस्था वर्षों से उपलब्ध कराई जा रही है। सुमन शील ने मांग की है कि जल्द से जल्द मुक्तिधामों पर लकड़ी व सुखे कंडे की व्यवस्था करवाई जाए ताकि अंतिम संस्कार के लिए लोगों को परेशानी ना करना पड़े। मुक्तिधाम विपुल सेन, अमरजीत सिंग, विल्सन, बरजो गोपाल शर्मा , गणेश शील , उज्जवल सेन पहुंचे हुए थे।