
भोपाल। गणेश विसर्जन के दौरान भोपाल के खटलापुरा में नाव डूबने के हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं हादसे के बाद से ही लापता एक शव की एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम तलाश कर रही है। इस हादसे के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वो दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हादसे के फौरन बाद मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “ये आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं है। लेकिन प्रशासन को इस बात की जानकारी होना चाहिए थी कि विसर्जन के दिन घाट पर भारी भीड़ होती है। इस दुर्घटना के लिए केवल बच्चे जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी भी बनती है। ये आपराधिक लापरवाही का मामला है। ऐसे में मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजे के साथ आश्रित को सरकारी नौकरी देनी चाहिए।”
शिवराज सिंह के अलावा भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी इसे लापरवाही मानते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि, अगर मृतकों के परिजनों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वो आंदोलन छेड़ देंगी। वहीं भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा था कि, “मुआवजे की राशि कम है। जहां प्रदेश सरकार मंत्रियों के बंगलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। उसे गरीबों को 25 लाख का मुआवजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है। मृतकों के परिजनों को तत्काल 25 लाख का मुआवजा देना चाहिए।”
इसके फौरन बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मृतकों के लिए पहले से घोषित 4-4 लाख मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 11 लाख कर दिया। इस बीच कलेक्टर और डीआईजी मृतकों के परिजनों से मिलने पिपलानी स्थित उनके घर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में दो नाविकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं हादसा क्यों हुआ, किसकी लापरवाही थी, ये जानने के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे के बाद से अब तक 12 लोगों के शव तलाब से निकाल लिए गए हैं। वहीं एक लापता की तलाश जारी अभी भी जारी है।