भिलाई। 21 मार्च : राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के दिशा निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों में निवास करने वाले वृद्धजनो के सम्मान में करुणा के नाम से एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रही है, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राहुल शर्मा ने बताया कि 2 वृद्ध जन पुलगांव चौक के समीप बीमार अवस्था में लावारिस देखे गए जिन्हें 108 की मदद से डिस्टिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उपचार पूर्ण होने के उपरांत यह ज्ञात हुआ कि वृद्ध जनों का इस दुनिया में कोई नहीं है तत्पश्चात उनका कोविड टेसट करा कर उन्हें पुलगांव स्थित वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया एक वृद्ध जन की उम्र 65 साल थी दूसरे की उम्र 67साल दोनों वृद्ध जनों को उनकी मर्जी से वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया दोनों कई साल से अस्वस्थ रहा करते थे एवं भीख मांगकर अपनी रोजी-रोटी किया करते थे रामदेव गुप्ता एवं कॉन्स्टेबल सीताराम ठाकुर के सहयोग से उक्त वरिष्ठ जनों को उपचार करा कर दवाई दिलवा कर वृद्ध आश्रम में भर्ती कराया गया वरिष्ठ नागरिकों के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत अपने संभाग परिवारजनों से भरण-पोषण एवं रहन सहन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं तथा इसके लिए विधि अनुसार परिवार न्यायालय में प्रकरण भी दर्ज किए जा सकते हैं प्रायः यह देखने में आता है कि संतान अपने माता पिता के संपत्ति का उपभोग करते हैं किंतु उनके भरण-पोषण के दायित्व से अपने को अलग कर देते हैं माता-पिता भी अपनी संतानों के इस कृत्य को आम जनों के सामने लाए जाने में संकोच करते हैं तथा अपने इज्जत एवं सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए संतानों के द्वारा दी जा रही पीड़ा को सहन करते हैं वृद्ध माता-पिता संतानों के द्वारा दिए गए पीड़ा को सहन करते हैं तथा मानसिक रूप से कमजोर होते जाते हैं वृद्ध जनों को अपने संतानों से भरण-पोषण पाने का अधिकार है जिसके लिए उन्हें सामने आना चाहिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे वृद्ध जनों के लिए भरण पोषण की राशि संतानों से दिलाए जाने के लिए प्रबल रूप से खड़ा होकर उन्हें पूरी तरह से विधिक सहायता हेतु मदद करेगा तथा उन्हें निशुल्क विधिक सहायता प्रदान करते हुए शासकीय वह पर पैनल अधिवक्ता भी उपलब्ध कराएगा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विद जनों के पारिवारिक मामलों को काउंसलिंग अथवा मध्यस्थता का लोक अदालत के माध्यम से निपटाए जाने का प्रयास करेगा।