मंदसौर। मंदसौर जिले में बाढ़ और अतिवृष्टि से हुई नुकसानी का आकलन बुधवार शाम तक भी जारी रहा और इसके अभी एक-दो दिन और चलने की बात प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं। अभी तक जो आंकड़े आ रहे हैं, उसके अनुसार 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 30 हजार से ज्यादा कच्चे मकान गिरे हैं।
1100 पक्के मकान आंशिक या पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए हैं। पूरे वर्षाकाल में 44 लोगों की मौत हुई है। वहीं, सोयाबीन, रायड़ा व मक्का जैसी फसल तो 100 प्रश खराब हो गई है।
बुधवार को जिले में प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा सुवासरा विधानसभा के गांवों के भ्रमण पर गए। सुबह पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने यही कहा कि शिवराजसिंह चौहान 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं फिर भी झूठ बोलते फिर रहे हैं। अभी तो केंद्र सरकार का दल ही 19 सितंबर को आ रहा है। उससे पहले एक हजार करोड़ की राहत कैसे दे दी गई? पहले ही खजाना खाली छोड़कर गए है।
नीमच जिले में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। कृषि विभाग के आकलन में नुकसान को शत-प्रतिशत माना गया है। जावद क्षेत्र के सेगवां सहित अन्य स्थानों पर खेतों में 1 से 2 फीट तक पानी भरा हुआ है। इससे सोयाबीन सहित अन्य फसलें गल चुकी है। रामपुरा में अब भी बाढ़ के बाद राहत कार्य जारी हैं। गांधीसागर बांध की रिंग वॉल की मरम्मत भी की जा रही है।