भिलाई। 22 जनवरी : पाटन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेलोदी में बर्ड वाचिंग परीक्षेत्र का निर्माण किया जा रहा है, इस परीक्षेत्र में देश-विदेश के रंग-बिरंगे पक्षी अक्टूबर से लेकर जनवरी माह तक प्रवास में रहते हैं इन पक्षियों के लिए 150 एकड़ क्षेत्र में बसेरा बनाने का काम द्रुतगति चल रहा है इसके लिए दुर्ग कलेक्टर सहित तमाम अधिकारी बेलोदी गांव के झील का निरीक्षण कर चुके हैं।
ग्राम बेलोदी के लगभग 150 एकड़ क्षेत्रफल में फैली बांदा झील में प्रवासी पक्षी प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं, इनमें से सबसे खास पक्षी राजहंस है जो मानसरोवर में नेस्टिंग करते हैं और तिब्बत से होते हुए माउंट एवरेस्ट को पार करते हुए भारत पहुंचते हैं तथा बेलोदी के झील विश्राम के लिए रुकते हैं। यह झील इनके फ्लाई हाईवे में शामिल है, जहां पर पक्षियों सुस्ताते और ऊर्जा से भर कर आगे का सफर तय करते हैं। बर्डवाचिंग एक्सपर्ट अनुभव शर्मा ने बताया यहां कुछ दिन पहले ही राजहंस स्पॉट किए गए हैं। इसके अलावा सुर्खाब के जोड़े भी देखे गए हैं जो दुर्लभ पक्षी है। बेलोदी गांव के पप्पू यादव ने बताया कि 150 से 200 एकड़ में फैले बांदा झील में रंग-बिरंगे पक्षी आते रहते हैं। जिसमें नासिक के बरख की संख्या सबसे ज्यादा है। पहले आसपास के शिकारी यहां पक्षियों का शिकार करने आया करते थे। परंतु अब इसमें लगाम लगी है। इस झील से दो नहर निकलती है जिससे ग्राम खरी, घुमा, बरबसपुर, मोखली के खेतों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। वर्तमान में राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस क्षेत्र को बर्डवाचिंग क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत पक्षियों को लुभाने के लिए सघन वृक्षारोपण जल स्तर बढ़ाने एवं पक्षियों के भोजन के लिए वनस्पति लगाने का कार्य किया जा रहा है।