दुर्ग। निगम की लापरवाही 12 सौ सफाई कामगारों को भारी पड़ गया। सितंबर का आधा महीना बीत गया लेकिन कामगारों को अब तक अगस्त महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया है। इससे नाराज कामगारों ने मंगलवार को निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कामगारों ने काम बंद कर निगम कार्यालय का घेराव कर दिए। घेराव के बाद महापौर ने निगम अधिकारियों को तलब कर बुधवार तक वेतन करने कहा है। कामगारों के हड़ताल की वजह से कई स्थानों पर सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हो गई।
इस पूरे मामले में नगर निगम की लापरवारी सामने आई है। दरअसल निगम प्रशासन द्वारा कामगारों का वेतन भुगतान के लिए चेक काटकर 13 सितंबर को बैंक भेजा गया। चेक कटने के बावजूद कामगारों के खाते में पैसा नहीं आया। कामगारों की शिकायत के बाद सोमवार को निगम का स्वास्थ्य अधिकारी बैंक पहुंचे और भुगतान में देरी का कारण पूछा। इस पर बैंक प्रबंधन ने बताया कि निगम द्वारा जो चेक जारी किया गया है उसमें कोड नंबर गलत लिखा हुआ है। इस कारण बैंक ने कामगारों के खाते में राशि नहीं डाली। वहीं त्यौहारी सीजन में वेतन नहीं मिलने से नाराज कामगार मंगलवार सुबह सफाई काम ठप कर हड़ताल पर चले गए। सुबह करीब 11 बजे सभी कर्मचारी सफाई कामगार मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष बाल्मिकी सिंह,महामंत्री रवि कुमार सोनी के नेतृत्व में निगम कार्यालय पहुंचे। जहां महापौर और निगम के एमआईसी प्रभारियों से मुलाकात कर वेतन भुगतान में विलंब होने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की। इस पर महापौर श्रीमती चंद्रिका चंद्राकर ने कामगारों को आश्वस्त किया कि भुगतान को लेकर निगम प्रशासन द्वारा जो गलती की गई है वह दोबारा न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। महापौर ने अधिकारियों को तलब कर कामगारों के खाते में बुधवार तक हर हाल में वेतन पहुंचाने की व्यवस्था करने निर्देशित किया।
चेक तैयार होने के बाद भी देरी- निगम में प्लेसमेंट पर काम करने वाले 751 कामगारों को वेतन भुगतान के लिए पांच सितंबर को चेक बनकर तैयार हो गया था। लेकिन चेक पर अफसर का साइन समय पर नहीं हो पाया। इसी तरह से मिशन क्लीन सिटी में कार्यरत 542 कामगारों का वेतन भुगतान के लिए भी चेक तैयार होने के दो-तीन बाद बैंक में जमा करने भेजा गया।
पीएफ राशि पर भी चर्चा- कामगारों का पीएफ राशि कितना जमा हुआ है निगम प्रशासन द्वारा इस संबंध में कामगारों को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। अध्यक्ष बाल्मिकी सिंह ने इस मामले में महापौर से चर्चा की और पीएफ राशि की वस्तु स्थिति से अवगत कराने कहा। महापौर ने बताया कि कामगारों के पीएफ व अन्य राशि के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने उनका डेटा सुधार की दिशा में काम किया जाएगा। यह काम दो महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।