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प्राप्त आपत्ति/सुझावों पर चर्चा भविष्य की जरूरतों के आधार पर कार्ययोजना निर्धारित करने पर जोर दें- गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू
दुर्ग। दुर्ग-भिलाई विकास योजना पुनर्विलोकन 2031 प्रारूप के लिए प्राप्त दावा आपत्ति और सुझावों के संबंध में छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम अंतर्गत गठित समिति की बैठक गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में दुर्ग भिलाई निवेश क्षेत्र के लिए प्राप्त दावा आपत्ति और सुझावों के साथ समिति के सदस्यों द्वारा आवश्यक चर्चा कर प्रस्ताव पारित करने पर सहमति दी गई। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि आने वाले भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना निर्धारित किया जाए। उन्होंने मुख्य रूप से आवासीय बसाहटों के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में उद्यान निर्माण का कार्य को मास्टर प्लान में शामिल करने पर जोर दिया। इसी तरह उन्होंने यह सुनिश्चित करने कहा कि सड़कों के किनारे वृक्षारोपण के कार्य को बढ़ावा देवें। प्राकृतिक नालों और तालाबों का संरक्षण किया जाए। कोई भी नहर बंद न हो, तालाब में पानी आना बंद न हो, इस पर विशेष ध्यान देने कहा गया है। भविष्य की कार्ययोजना के आधार पर सड़कों का निर्माण करने पर भी जोर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि दुर्ग-भिलाई निवेश क्षेत्र में पूर्व में 49 बसाहटें शामिल थी जिसका वर्तमान भूमि उपयोग 12 अप्रैल 1974 को अंगीकृत किया गया था। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण भिलाई के लिए विकास योजना वर्ष 1987 में तैयार की गई थी, जो कि वर्ष 2001 को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी। इन योजनाओं को दुर्ग-भिलाई विकास योजना भाग-1, दुर्ग भिलाई विकास योजना भाग-2 में दुर्ग के रूप में प्रकाशित किया गया था। दुर्ग-भिलाई विकास योजना पुनर्विलोकन 2031 का प्रकाशन 14 मार्च 2016 को किया गया था। इसके लिए निर्धारित अवधि में 1154 आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त हुए थे, जिनमें से 19 सुझाव से संबंधित थे। उक्त आपत्ति व सुझाव में से 222 आपत्ति मान्य किया गया, इनमें 118 आंशिक मान्य एवं 814 अमान्य किया गया।
बैठक में दावा आपत्ति के लिए स्वीकार किए गए 168 विषयों पर चर्चा की गई। समिति के सदस्यों के चर्चा एवं सुझाव के आधार पर अनुशंसा पर सहमति व्यक्त की गई। सांसद विजय बघेल ने बैठक में कहा कि पूरे प्रदेश में अन्य शहरों का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। दुर्ग-भिलाई का मास्टर प्लान लंबित है। शीघ्र ही मास्टर प्लान तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी आपत्ति आई है उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रस्तावित मास्टर प्लान में लोगों की आवश्यकता और जरूरत के हिसाब से क्षेत्र में हर प्रकार की सुविधा समुचित ढंग से होनी चाहिए। सुझाव दिया कि स्वास्थ्य, शैक्षणिक एवं धार्मिक प्रायोजन के लिए प्रस्तावित योजना में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जिसके पास 4 पहिये वाहन है उसे अपने स्वामित्व की भूमि पर गैरेज का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे सड़कों पर अनावश्यक यातायात दबाव व अव्यवस्था ना बने। सांसद बघेल ने कहा कि जिसके पास छोटी जमीन व प्लाट हो उसे अपने खुद के प्रायोजन के लिए आवास बनाने के लिए डायर्वसन की अनुमति दिया जाए। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री लागू करने पर इसकी सराहना की।
बैठक में विधायक विद्यारतन भसीन ने भी अपनी सुझाव दिए। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती माया बेलचंदन, नगर निगम दुर्ग की महापौर श्रीमती चन्द्रिका चन्द्राकर, भिलाई-चरौदा की महापौर श्रीमती चन्द्रकांता माण्डले विशेष रूप से उपस्थित थी। बैठक में मास्टर प्लान में शामिल नगरीय निकायों के अध्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित ग्राम पंचायतों के सरपंच उपस्थित थे।