
भोपाल। देश में काले धन से बेनामी संपत्तियां खरीदने के मामले में आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश को शीर्ष पर पाया है। विभाग की बेनामी यूनिट ने यहां सबसे ज्यादा संपत्तियां अटैच (कुर्क) की हैं। पिछले वित्त वर्ष तक 300 से अधिक ऐसी संपत्तियां अटैच की गईं, जो फर्जी नामों से खरीदी गई थीं।
अब तक 200 संपत्तियां छानबीन के दायरे में ली गई हैं। मामले में कई रसूखदार अधिकारी, नेता, बिल्डर और कारोबारी निशाने पर हैं, जिन्होंने ड्राइवर, नौकर, रिश्तेदार अथवा काल्पनिक नामों से करीब 200 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां खरीदी हैं।
आयकर विभाग ने अप्रैल 2019 से अब तक ही करीब 200 ऐसी संपत्तियों को संदिग्ध मानकर छानबीन में लिया है, जिनके बारे में उसे बेनामी होने का अंदेशा है। मामले में महानिरीक्षक पंजीयन से भी रिपोर्ट मांगी गई है। इसके लिए विभाग ने अपने खुफिया सूत्रों से मिले फीडबैक के जरिए ऐसी बेशकीमती संपत्तियों को चिन्हित किया है, जिनके मालिकों की वित्तीय हैसियत उस लायक नहीं है।
आयकर विभाग ने बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 2016 के तहत यह कार्रवाई की है। बेनामी संपत्तियों के मामले में मप्र के बाद जयपुर और महाराष्ट्र का नंबर बताया गया है। बेनामी संपत्तियों की संख्या के मामले में मप्र भले ही आगे हो, लेकिन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य महाराष्ट्र एवं जयपुर की संपत्तियों से कई गुना ज्यादा है।
आयकर विभाग की बेनामी यूनिट इन संपत्तियों को राजसात करने की कार्रवाई शुरू करेगा। दिल्ली स्थित एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी से कार्रवाई की पुष्टि होने के बाद ट्रिब्यूनल में अपील की सुनवाई होगी। इसके बाद विभाग इन सभी बेनामी संपत्तियों को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
बताया जाता है कि बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त करने वालों पर भी इस अधिनियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी अब तक करीब 200 बेनामी संपत्तियों की पुष्टि कर चुका है, बाकी अन्य की प्रक्रिया चल रही है।
बेनामी यूनिट ने आईएएस अधिकारी रहे अरविंद जोशी, धीरू गौड़ आदिवासी, सुंदर कोल, मनीष सरावगी, सेवकराम भारती, आयशा सुल्तान, आरिफ उमर एवं नरबदी बाई की संपत्तियां कुर्क की हैं। ग्राम गढ़मुर्रा में 34 एकड़ भूमि और करीब डेढ़ दर्जन प्लाट संदिग्ध पाए गए। इंदौर नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मी बेलदार असलम खान के पास मौजूद करीब 25 करोड़ रुपए की प्रापर्टी अटैच की गई है।