रायपुर। 04 फरवरी : छत्तीसगढ़ जन कल्याण समिति के प्रदेश स्तरीय चिकित्सा संगोष्ठी कार्यक्रम 3 फरवरी को नीर भवन के सभागृह हाल में सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी में मुख्य रूप से नेशनल डेवलपमेन्ट आफ आयुष मेडिकल साइंस रुलर इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.एम.के. कौशल उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रो होमियोपैथी एक वैज्ञानिक एवं पुर्ण चिकित्सा पद्धति है। इसके प्रभाव स्वरूप स्वयं इसकी औषधियां हैं जो कि हानिरहित वनौषधि जगत से वैज्ञानिक विधि से ही औषधिकृत/निर्मित होने के बाद अस्वस्थ मानव पर प्रयोग कर आरोग्य प्रदान करते हैं। जहां तक पूर्णता का प्रश्न है तो एक चिकित्सा पद्धति के पूर्णता के लिए तीन बातों का होना आवश्यक है। पहला उसके अपने सिद्धांत दूसरा उसका अपना मटेरिया मेडिका और तीसरा उसकी अपनी फार्मेन्सी एवं उनकी स्वतंत्र प्रयोग विधि। उपयुक्त सभी बातें इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा में है। इस पैथी का प्रचार-प्रसार एवं मान्यता में चिकित्सकों, शिक्षाविद व छात्रों की सहभागिता महत्वपूर्ण है। डाॅ. कौशल ने कहा कि सभी इलेक्ट्रो होमियोपैथिक से संबंधित लोग अनुसन्धान पूर्ण कर प्रेक्टिस करके आसान और लाभदायक चिकित्सा पद्धति के शासकीय मान्यता हेतु मिलकर प्रयास करेंगे। इसके इसके पश्चात् इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिकल कालेज रायपुर के प्राचार्य डाॅ. अशोक दुबे ने चिकित्सा पद्धति से जुड़े मान्यता व कानूनी सवालों का जवाब दिया। तत्पश्चात समिति के संरक्षक डाॅ. गजपाल ने इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा के विकास और मान्यता के लिए संगठन के द्वारा किये गये संघर्ष और गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष डाॅ. निलेश थावरे ने उक्त पद्धति के लिए केन्द्र सरकार के निर्देश पर बनाई गई शासकीय कमेटी की कार्यशैली और गतिविधियों को बताया। कार्यक्रम का संचालन समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. डी.आर.सिन्हा ने किया। कार्यक्रम के अंत में इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के शासकीय मान्यता हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से भेंट करने संबंधी प्रस्ताव व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार के नाम से आवेदन डाॅ. एम के कौशल को दिया गया। इस अवसर पर प्रदेश व जिला से जुड़े सभी पदाधिकारी सहित इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।